SEBI ने जारी की मोस्ट वांटेड डिफॉल्टर्स की लिस्ट, जानें किन नामों की है चर्चा और है बकाया
SEBI most wanted defaulters 2022: आयकर विभाग के नौ डिफॉल्टरों की एक लिस्ट (SEBI most wanted defaulters list) जारी की है जिसमें कंपनियों और व्यक्तियों को शामिल किया गया है जो कथित तौर पर लापता हो गए हैं.
SEBI most wanted defaulters 2022: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने आयकर विभाग के नौ डिफॉल्टरों की एक लिस्ट (SEBI most wanted defaulters list) जारी की है जिसमें कंपनियों और व्यक्तियों को शामिल किया गया है जो कथित तौर पर लापता हो गए हैं. न्यूज एजेंसी IANS की खबर के मुताबिक, यह मामला तब प्रकाश में आया जब सेबी के रिकवरी अधिकारियों ने इन डिफॉल्टरों को, जिनके खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट तैयार किया गया, डिमांड नोटिस तामील करने का प्रयास किया. बाजार नियामक SEBI के पास उपलब्ध एक या एक से ज्यादा पतों से कुछ डिफॉल्टर्स जिन्हें बकाया राशि चुकानी है, वे पिछले लगभग दो सालों से गायब हैं और कुछ पिछले दो हफ्तों से लापता हैं.
इन कंपनियों की है सेबी को तलाश
खबर के मुताबिक, लापता में एमवाईएनके1906 इंडस्ट्रीस इंडिया लिमिटेड, जिसके तीन ज्ञात पते एक विले पार्ले में और दो दक्षिण मुंबई में हैं. इंडुकॉन इंडिया लिमिटेड, दो पते के साथ, दक्षिण मुंबई और अंधेरी में एक-एक, (दोनों 27 अप्रैल, 2021 से अप्राप्य) हैं. गोरेगांव उपनगर में दो पतों के साथ क्लासिक प्रेस इंटरनेशनल लिमिटेड है, लेकिन 17 जून, 2021 से पहुंच से बाहर है. तीन अन्य जो 19 जुलाई, 2022 से लापता हैं उनमें विले पार्ले पूर्व से गुडअर्थ फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, एकी इंफोकॉम लिमिटेड जो कांदिवली में तीन पतों और नरीमन पॉइंट में तीन पतों से काम कर रहा है और तेजूमल इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सांताक्रूज में अपने एकमात्र पते पर स्थित नहीं है.
इन कंपनियों का नहीं अता-पता
अंधेरी पूर्व में दो स्थानों से काम कर रहे राजेंद्र माइनिंग स्पेयर्स कंपनी लिमिटेड का 26 जुलाई, 2022 से पता नहीं चल रहा है. दक्षिण मुंबई और रायगढ़ में कर्जत से संचालित ग्लोरिया लीजिंग लिमिटेड, 29 सितंबर, 2022 से उपलब्ध नहीं है. डायनावोक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जो वर्ली में दो पड़ोसी स्थानों से काम कर रही है, इस महीने, 6 दिसंबर, 2022 से गायब हो गई है. सेबी के कदम का स्वागत करते हुए, ट्रेड यूनियन्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी (टीयूजेएसी) के संयोजक और बैंकिंग विशेषज्ञ विश्वास उतगी ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि कैसे ये संस्थाएं और उनसे जुड़े व्यक्ति अचानक रडार से गायब हो गए हैं और इसकी जांच की जानी चाहिए.
सरकारी टैक्स का भुगतान करने के लिए हैं उत्तरदायी
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उतगी ने बताया, ये कंपनियां (SEBI most wanted defaulters 2022) अपने बकाए और विभिन्न सरकारी टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं. अगर वे आगे नहीं आती हैं, तो यह सेबी (SEBI) के लिए दूसरे एजेंसियों को स्थानांतरित करने और इन डिफॉल्टरों की संपत्तियों को कुर्क करने और बेचने के लिए संबंधित कानूनों को लागू करने का मार्ग आसान करेगी. अनट्रेसेबल डिफॉल्टर्स को स्वीकार करते हुए, सेबी ने कहा कि वह उनके अंतिम ज्ञात पते पर नोटिस ऑफ डिमांड्स की सेवा करने में सक्षम नहीं है. सेबी ने इन डिफॉल्टर्स को 12 जनवरी, 2023 तक एक पखवाड़े के भीतर एक पत्र या ईमेल के जरिए रिकवरी ऑफिसर सृष्टि अंबोकर से संपर्क करने की सलाह दी है.
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05:44 PM IST